दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने वोटिंग में धांधली और ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सारी प्रक्रियाओं के बारे में स्पष्ट और विस्तृत जानकारी दी।
एजेंटों का महत्व
चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक पार्टियों के एजेंटों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। हर बूथ पर हर पार्टी का एक पोलिंग एजेंट होता है जो ईवीएम की सटीकता और प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करता है।
ईवीएम और वोटिंग
वोटिंग शुरू होने से पहले सभी पार्टियों के पोलिंग एजेंट के सामने मतदान अधिकारी और कर्मी ईवीएम खोलकर दिखाते हैं कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं।
फॉर्म 17C
शाम को पोल खत्म होने के बाद किस ईवीएम में कितने वोट पड़े इसकी डिटेल्स एक फॉर्म में भरी जाती है जिसे 17C कहा जाता है। ये फॉर्म पार्टियों के पोलिंग एजेंट के सामने होता है।
काउंटिंग के दिन
काउंटिंग के दिन ईवीएम का मिलान कर उन्हें पार्टियों के काउंटिंग एजेंट के सामने खोला जाता है और उन्हें मिले 17C फॉर्म से मिलाने को कहा जाता है।
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